Difference between revisions of "बस की यात्रा(व्यंग्य)"

From Karnataka Open Educational Resources
Jump to navigation Jump to search
 
Line 26: Line 26:
 
=भाषा विविधता=
 
=भाषा विविधता=
 
==शब्दकॊश==
 
==शब्दकॊश==
 +
शब्दकॊश का प्रयोग करने के लिये यहाँ [http://www.shabdkosh.com/ क्लिक कीजिये]
 +
 
==व्याकरण / सजावट / पिंगल==
 
==व्याकरण / सजावट / पिंगल==
 
=मूल्यांकन=
 
=मूल्यांकन=
 
=भाषा गतिविधियों / परियोजनाओं=
 
=भाषा गतिविधियों / परियोजनाओं=
 
=पाठ प्रतिक्रिया=
 
=पाठ प्रतिक्रिया=

Latest revision as of 07:06, 5 May 2016

परिकल्पना नक्षा

पृष्ठभूमि/संधर्भ

मुख्य उद्देष्य

लेखक का परिचय

हरिशंकर परसाई (२२ अगस्त, १९२४ - १० अगस्त, १९९५) हिंदी के प्रसिद्ध लेखक और व्यंग्यकार थे। उनका जन्म जमानी, होशंगाबाद, मध्य प्रदेश में हुआ था। वे हिंदी के पहले रचनाकार हैं जिन्होंने व्यंग्य को विधा का दर्जा दिलाया और उसे हल्के–फुल्के मनोरंजन की परंपरागत परिधि से उबारकर समाज के व्यापक प्रश्नों से जोड़ा। उनकी व्यंग्य रचनाएँ हमारे मन में गुदगुदी ही पैदा नहीं करतीं बल्कि हमें उन सामाजिक वास्तविकताओं के आमने–सामने खड़ा करती है, जिनसे किसी भी व्यक्ति का अलग रह पाना लगभग असंभव है। लगातार खोखली होती जा रही हमारी सामाजिक और राजनैतिक व्यवस्था में पिसते मध्यमवर्गीय मन की सच्चाइयों को उन्होंने बहुत ही निकटता से पकड़ा है। सामाजिक पाखंड और रूढ़िवादी जीवन–मूल्यों की खिल्ली उड़ाते हुए उन्होंने सदैव विवेक और विज्ञान–सम्मत दृष्टि को सकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया है। उनकी भाषा–शैली में खास किस्म का अपनापा है, जिससे पाठक यह महसूस करता है कि लेखक उसके सामने ही बैठा है।

अधिक जानकारी के लिये यहाँ क्लिक कीजिये

अतिरिक्त संसाधन

लेखक द्वारा लिखे गये अन्य कार्यो के बारे मे जानने के लिये यहाँ क्लिक कीजिये


सारांश

परिकल्पना

शिक्षक के नोट

गतिविधि

  1. विधान्/प्रक्रिया - छात्रो को उनके बस मे किये यात्रो के बारे मे विचार प्रस्तुत करने को कहे।
  2. समय - 2-3 मिनट
  3. सामग्री / संसाधन
  4. कार्यविधि
  5. चर्चा सवाल

भाषा विविधता

शब्दकॊश

शब्दकॊश का प्रयोग करने के लिये यहाँ क्लिक कीजिये

व्याकरण / सजावट / पिंगल

मूल्यांकन

भाषा गतिविधियों / परियोजनाओं

पाठ प्रतिक्रिया